


चंपावत जनपद के तल्लादेश क्षेत्र के बकोड़ा गांव से एक दिल दहला देने वाली तस्वीर सामने आई है, जहां बीमार महिला को सड़क तक पहुंचाने के लिए ग्रामीणों ने डोली में ढोया। यह क्षेत्र मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विधानसभा में आता है, लेकिन यहां के हालात किसी उपेक्षित पहाड़ी गांव जैसे हैं।
15 किलोमीटर पैदल डोली में पहुंचाया अस्पताल तक
65 वर्षीय कलावती देवी की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी। सड़क न होने के कारण ग्रामीणों ने कपड़े और डंडे की मदद से एक डोली बनाई, जिसमें बारी-बारी से युवाओं ने 15 किमी का उबड़-खाबड़ रास्ता पार किया और महिला को सड़क तक लाए।
वहां से उन्हें 35 किलोमीटर दूर चंपावत के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज मिल पाया और उनकी जान बच सकी। इस दौरान हल्की बारिश और कठिन रास्ते ने भी मुश्किलें बढ़ा दीं, लेकिन ग्रामीणों का हौसला अडिग रहा।
12 साल से अटका सड़क निर्माण, जनता बेहाल
ग्रामीणों का कहना है कि मंच-बकोड़ा सड़क को 2012 में स्वीकृति मिली थी, लेकिन आज तक कार्य शुरू नहीं हुआ। लोग अब भी घोड़े-खच्चरों के भरोसे हैं। ग्राम प्रधान रविंद्र रावत ने बताया कि
हमने कई बार प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
न स्वास्थ्य सुविधा, न उच्च शिक्षा
गांव में कोई अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं है
स्कूल सिर्फ आठवीं तक है, उसके बाद छात्रों को 15 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है
गंभीर बीमारी में समय पर इलाज नहीं मिल पाता
ग्रामीण बोले – सिर्फ वोट के लिए याद करते हैं नेता
ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि वे मुख्यमंत्री की विधानसभा के निवासी हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ वोट के वक्त याद किया जाता है। न सड़क, न शिक्षा, न स्वास्थ्य – कोई मूलभूत सुविधा नहीं है।
प्रशासन की सफाई
लोक निर्माण विभाग चंपावत खंड के अधिशासी अभियंता मोहन चंद्र पलड़िया ने बताया कि,
“मंच-बकोड़ा सड़क निर्माण में पहले वन विभाग की अनापत्ति बाधा बन रही थी। अब यह योजना प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) में एक माह पूर्व स्थानांतरित की गई है। जल्द कार्य शुरू किया जाएगा।